Agriculture

पाला कर सकता है सरसो में नुकसान, जाने कैसे करे बचाव

देश के अलग अलग हिस्सों में पिछले एक सप्ताह से शीतलहर एवं पाले की शुरुआत हो चुकी है। कई राज्यों में सूखा पाला गिरने की वजह से सरसो की फसल को नुकसान की संभावना काफी अधिक हो जाती है। सरसो के साथ साथ इस मौसम में मटर, आलू जैसी फसलों में भी शीतलहर एवं पाले का असर हो सकता है। ऐसे में फसलों का बचाव करना जरुरी है। किसानो को इस मौसम में फसलों में अधिक ध्यान देने की जरुरत होती है। अभी सरसो की फसल में एक पानी लग चूका है। और कुछ क्षेत्रों में पहली सिंचाई चल रही है। सरसो में पाले के कारण नुकसान से बचाव के लिए समय पर सिंचाई करना जरुरी है।

आगामी कुछ दिनों के दौरान मौसम में बदलाव होने की संभावना है। बर्फबारी के चलते मैदानी हिस्सों में और अधिक शीतलहर एवं ठण्ड बढ़ने की संभावना है। शीतलहर के कारण गेहू की फसल में भी असर हो सकता है। ऐसे में गेहू की फसल में हल्की सिंचाई करना जरुरी है । उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में शीतलहर एवं कड़ाके की ठण्ड हो रही है। अधिक ठण्ड होने के कारण पोधो की ग्रो कम हो रही है। ऐसे में सरसो की फसल में ठण्ड एवं पाले से बचाव के लिए थायोयूरिया की सलाह दी जाती है।

सरसो में पाले से बचाव के लिए क्या करे

देश के मैदानी हिस्सों में बदल रहे मौसम का असर फसलों में देखने को मिल रहा है। ऐसे में सरसो की फसल में समय रहते हल्की सिंचाई करना जरुरी है। जिससे फसलों में पाले एवं शीतलहर का असर कम होता है। इसके साथ फसल में डाइमिथाइल सफ्लो ऑक्साइड का 0.2 फीसदी या 0.1 फीसदी थायो यूरिया का छिड़काव करना चाहिए। जरुरत के हिसाब से इस प्रक्रिया को 15 दिन के अंतराल पर दोहरा भी सकते है। यदि शीतलहर एवं पाला लगातार गिर रहा है। तो समय समय पर हल्की सिंचाई करते रहना जरुरी है। समय पर सिंचाई होने से तापमान में गिरावट कम होती है। जिससे फसलों में पाले एवं शीतलहर का असर होने की संभावना कम हो जाती है ।

पाले के साथ बढ़ जाती बीमारिया

सरसो की फसल में जैसे जैसे ठण्ड अधिक बढ़ती है। पाले का असर होना शुरू होता है तो ऐसे में चेपा रोग की संभावना बढ़ने लगती है। जो फसल के लिए खतरनाक होता है। ये फसल की ग्रोथ रोक देता है। जिससे उत्पादन गिर जाता है। इसके लिए किसी कृषि एक्सपर्ट की सलाह से उचित दवाई का छिड़काव करना जरुरी है। चेपा रोग सरसो उत्पदान 50 फीसदी तक कम कर सकता है। हालाँकि इस रोग के बचाव के लिए सरसो में इम्डा क्लोपफाइड केमिकल को एक लीटर पानी में दो मिलीलीटर डालकर छिड़काव कर सकते है। इससे सरसो में इस रोग से बचाव में मदद मिलती है। ठण्ड में चेपा रोग की संभावना कम हो जाती है।

सरसो में सिंचाई का समय

सरसो की पहली सिंचाई बुआई के लगभग 40 से 50 दिन बाद की जाती है। जो की शुरुआत की सिंचाई होती है। इससे सरसो में ग्रोथ तेजी के साथ होती है। पहली सिंचाई में खाद देना फायदेमंद होता है। इसके बाद 90 से 100 दिन के बाद दूसरी सिंचाई की जा सकती है। जबकि तीसरी सिंचाई सरसो में फूल आने के बाद यानि की जब फलिया बनने लग जाती है तो की जाती है। पहली सिंचाई के 1 से सवा महीने के अंतराल पर सिंचाई कर सकते है। जब फलियों में दाना बनने लगता है तो उस समय सिंचाई करना जरुरी है। इससे उत्पादन काफी अच्छा होता है।

मंडियों में सरसो के भाव

अभी सरसो की बुआई हो चुकी है। नई सरसो के मंडियों में आने में काफी समय बाकी है। लेकिन अभी भी किसानो के पास पिछले सीजन की सरसो का स्टॉक रखा हुआ है। बहुत से किसानो ने अच्छे भाव के लिए सरसो को स्टोर किया हुआ है। चलिए जानते है फ़िलहाल औसत सरसो का भाव मंडियों में क्या चल रहा है।

सरसो मंडियों में अछल्दा मंडी में सरसो का औसत भाव 5750 रु प्रति क्विंटल का फ़िलहाल बना हुआ है। जबकि अछनेरा मंडी में सरसो का भाव 6210 रु प्रति क्विंटल, अगर मंडी में सरसो 5560 रु प्रति क्विंटल के भाव से आज बिक रही है। ये मॉडल भाव है। औरैया मंडी में सरसो 5700 रु प्रति क्विंटल, बस्सी मंडी जयपुर का सरसो भाव 5210 रु एवं बरेली मंडी का सरसो भाव 5900 रु का चल रहा है। बिशनपुर मंडी में सरसो आज 5800 रु प्रति क्विंटल भाव पर बिक रही है। टोंक में दूनी मंडी का सरसो भाव फ़िलहाल 5545 रु , इटावा मंडी में 5800 रु , हरदोई मंडी में 5925 रु , खुर्जा मंडी में 6060 रु , कोटा मंडी में 5700 रु , लालसोट मंडी में 6120 रु , लखनऊ में 5940 रु , मैनपुरी मंडी में मॉडल भाव 6100 रु आज रहा है।

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Vipin Yadav

My name is Vipin Yadav, and I specialize in writing about business and government schemes for Virat Bharat. With five years of experience in this field, I have contributed to several prestigious newspapers. Following my journalism studies in Bhopal, I transitioned directly into news writing. I trust that the information I provide is valuable to you. Please feel free to send your feedback to the email address provided below.
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