CIBIL स्कोर ख़राब है तो बैंक नहीं देगा लोन, इस तरीके से तुरंत करो सही

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को हर समय कमाई की चिंता रहती है और सभी का सपना होता है की बड़ी सी गाड़ी हो और बड़ा सा घर हो जिसमे पुरे परिवार के साथ में आराम से जिंदगी गुजारी जाये। अब अपने इन सपनों को पूरा करने के लिए आपको पैसे की जररूत पड़ने वाली है और बहुत से लोगों के पास में जब पैसे नहीं होते तो उनको बैंक से लोन लेना पड़ता है। लेकिन क्या आपको पता है की लोन लेने के लिए आपका CIBIL स्कोर अच्छा होना चाहिए नहीं तो आपको बैंक की तरफ से लोन का लाभ नहीं दिया जाता।

CIBIL स्कोर से ही आपके द्वारा बैंक के साथ किये गए लेनदेन का पता चलता है। आपने कौन से बैंक से कितना ऋण लिया था और कितने समय के लिए लिया था तथा आपने उसको समय पर चुकाया की नहीं चुकाया इन सबका पता आपके CIBIL स्कोर से पता चलता है। चलिए डिटेल में जानते है की सिबिल स्कोर क्या होता है और इसको कैसे सही किया जाता है।

CIBIL स्कोर क्या होता है और कैसे काम करता है?

ये एक तीन अंकों की संख्या होती है जिसके आधार पर ही किसी भी व्यक्ति के द्वारा बैंक के साथ में किये गए लेनदेन की सिचुएशन को दर्शाती है। ये स्कोर 300 न्यूनतम होता है ओट अधिकतम 900 होता है। इसमें जितना 900 की तरफ आपका स्कोर होता उतना ही बैंकों की तरफ से आपको किसी भी प्रकार का लोन तुरंत दिया जाता है और साथ में कम ब्याज दरों पर आपको लोन का लाभ मिल जाता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक की तरफ से CIBIL को लाइसेंस दिया हुआ है और साल 2005 के क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज़ एक्ट के तहत इसको लागु किया हुआ है। जब भी आप किसी भी बैंक से लोन लेते है या फिर क्रेडिट कार्ड आदि लेते है तो बैंकों को सबसे पहले आपकी सिबिल रिपोर्ट चेक करनी पड़ती है। आपकी सिबिल रिपोर्ट आपका क्रेडिट स्कोर कितना है, आपका क्रेडिट रैंक कितना है आदि जानकारियों को साझा करती है और इससे आपका बैंकों के साथ में मौजूदा समय में चल रहे लेनदेन और पहले किये गए सभी लेनदेन की जानकारी प्राप्त होती है।

CIBIL कैसे काम करता है?

सभी बैंकों के द्वारा और जितनी भी वित्तीय संस्थाएं चल रही है उनके द्वारा अपने ग्राहकों को सम्पूर्ण डाटा एकत्रित किया जाता है जिसमे आपके द्वारा लिए गए लोन, लोन की अवधी, आपका बकाया लोन के साथ साथ में आपके क्रेडिट कार्ड आदि का पूरा ब्यौरा शामिल होता है। इन संस्थाओं के द्वारा आपका ये पूरा ब्यौरा CIBIL के साथ में साझा किया जाता है। अब CIBIL के द्वारा दिए गए ब्योरे के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है और वही रिपोर्ट हमें Cibil स्कोर के रूप में दिखाई देती है।

How to increase cibil score
How to increase cibil score

इसके अलावा आप जब भी किसी भी बैंक में लोन के लिए आवेदन करते है या फिर किसी भी बैंक में क्रेडिट कार्ड आदि के लिए आवेदन करते है तो आपके आवेदन की इस प्रक्रिया को और उस पर लिए गए निर्णय को भी सभी संस्थानों के द्वारा CIBIL के साथ में शेयर किया जाता है। इससे आपके आने वाले भविष्य की एक रिपोर्ट तैयार की जाती है। Cibil रिपोर्ट में आपके लोन या क्रेडिट कार्ड के आवेदन को स्वीकार किया गया या फिर नहीं किया गया इसको भी दिखाया जाता है।

CIBIL स्कोर कैसे बढ़ाया जाता है?

अगर आप भी उन लोगों की गिनती में शामिल हो चुके है जिनका CIBIL स्कोर ख़राब हो चूका है और बैंकों से अब लोन लेने में समस्या होने लगी है तो फिलहाल तो ये चिंता का विषय है लेकिन आप इसको 4 महीने से 13 महीने की समय अवधी में आसानी के साथ में सुधार सकते है। जब भी आपका CIBIL स्कोर 750 से निचे चला जाता है तो बैंक आपको लोन देने में आनाकानी करने लगते है या फिर आपको अधिक ब्याज दरों पर लोन का लाभ देते है। यहां देखिये कुछ पॉइंट्स में की कैसे आप अपने CIBIL स्कोर को बढ़ा सकते है।

जब भी आपका कोई लोन लेते है या फिर क्रेडिट कार्ड आदि से खरीदारी करते है तो उसकी किस्तों को समय पर चुकाये। ऐसा नहीं करने से इसका सीधा असर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ता है। इसलिए समय पर पैसा चुकाने की आदत डालिये। इसके साथ ही आपको अपने क्रेडिट स्कोर के अंदर क्या क्या कमियां आ रही है उनका भी समाधान करना होगा। किस्तों का देरी से भुगतान करने पर एक तो आपका CIBIL स्कोर ख़राब होता है और दूसरा आपको पेनल्टी भी देनी होती है। इसलिए इससे जितना बचा जाये उतना ही आपके CIBIL स्कोर के लिए ये अच्छा होगा।

आपको ये भी ध्यान रखना होगा की एक समय में एक से अधिक लोन कभी भी ना लें क्योंकि इससे भी आपके क्रेडिट स्कोर पर काफी प्रभाव पड़ता है और दो दो लोन या इससे अधिक लोन एक साथ चलने पर किसी ना किसी लोन की क़िस्त में देरी हो ही जाती है। इसके अलावा कभी भी अपने क्रेडिट कार्ड पर किसी भी प्रकार का बकाया भुगतान ना रखें और समय पर पुरे बकाया को चुकता करें। इससे धीरे धीरे आपका स्कोर अच्छा होने लग जायेगा।

कभी भी किसी दूसरे के लोन में गारंटर नहीं बनना चाहिए क्योंकि अगर आपने जिसकी गारंटी ली है उसने लोन को समय पर नहीं चुकाया तो इसका सीधा असर आपके स्कोर पर होता है। इसलिए ऐसा भूल कर भी ना करें। इसके अलावा कभी भी किसी के साथ में मिलकर जॉइंट अकाउंट होल्डिंग शेयर ना करें क्योंकि जॉइंट अकाउंट होल्डिंग में अगर एक व्यक्ति की तरफ से डिफ़ॉल्ट किया गया है तो उसका दूसरे के स्कोर पर भी असर होता है।

आखिर में आपको ये बताएँगे की अगर आपके पास में आपका क्रेडिट कार्ड भी है और आपको बात बात पर उसका इस्तेमाल करना होता है तो ये भी आपके लिए बहुत हानिकारक है। इसके चलते भी आपके क्रेडिट स्कोर पर असर होता है। कभी भी अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30 फीसदी से अधिक इस्तेमाल ना करें क्योंकि अगर आप हर समय पूरी लिमिट को खर्चा कर लेते है तो इसका मतलब ये है की आपके पास में बचत के योग्य कुछ नहीं है और आपका अपने खर्चों पर भी कंट्रोल नहीं है। इसलिए इस बात को भी ध्यान में जरूर रखें।