सोनभद्र (उत्तर प्रदेश): इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL) के नाम पर रजिस्टर एक गैस टैंकर से सोनभद्र पुलिस ने ऐसी सच्चाई पकड़ी, जिसने अधिकारियों को भी हैरान कर दिया। कागजों में यह टैंकर जालंधर से गैस लेकर झांसी के लिए रवाना हुआ था, लेकिन जब सोनभद्र में इसे जांच के लिए रोका गया, तो पुलिस के हाथ एक बड़ा शराब तस्करी का जखीरा लगा।
पुलिस ने जब टैंकर को चेक किया, तो उसमें गैस की जगह 900 पेटी अवैध शराब बरामद हुई। यह शराब झारखंड होते हुए बिहार भेजी जा रही थी, जहां शराबबंदी लागू है। इस मामले में टैंकर के ड्राइवर जगमाल सिंह को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि इस शराब तस्करी रैकेट से जुड़े सप्लायरों की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि इस पूरे ऑपरेशन को इंडियन ऑयल के नाम पर चलते एक फर्जीवाड़े की तरह अंजाम दिया जा रहा था, ताकि पुलिस और प्रशासन की नजरों से बचा जा सके। टैंकर पर लगे IOCL के लोगो और कागजात को देखकर किसी को शक न हो, इसी रणनीति के तहत इस रैकेट को अंजाम दिया गया।
क्या बोले अधिकारी?
पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच की जा रही है। शराब कहां से भरी गई, कौन इसका असली सप्लायर है, और किन लोगों ने IOCL के नाम का दुरुपयोग किया—इन सभी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है। गैस के कागजात भी फर्जी बताए जा रहे हैं, जिनकी जांच के लिए संबंधित विभागों से संपर्क किया गया है।
बड़ा सवाल:
देशभर में जहां एक तरफ नशा मुक्त भारत की बात की जा रही है, वहीं इतने संगठित तरीके से गैस टैंकर के नाम पर शराब की तस्करी इस बात को लेकर सवाल खड़े करती है कि ऐसे गिरोहों पर अंकुश लगाना कितनी बड़ी चुनौती है।
जांच के दायरे में IOCL का नाम:
हालांकि अभी तक इंडियन ऑयल की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस मामले में कंपनी की छवि पर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिस यह जांच कर रही है कि टैंकर असली था या किसी फर्जी रजिस्ट्रेशन से काम किया जा रहा था।
फिलहाल ड्राइवर जेल में है और पुलिस जल्द ही इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने का दावा कर रही है।