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दिवाली पूजा 2024: लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और कैसे करनी चाहिए दिवाली पर पूजा, जानिए पूरी डिटेल में

आज दिवाली का त्यौहार है और ऐसे में सभी लोगों को दिवाली पर लक्ष्मी जी की पूजा करने की पूरी विधि और उसके सुबह मुहूर्त के बारे में जानकारी होना जरुरी है। चलिए जानते है इसके बारे में पूरी डिटेल के साथ में -

दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, भारत का सबसे प्रमुख और उल्लासमय त्योहार है। यह पर्व अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हर वर्ष, दिवाली न केवल घरों और दिलों में रोशनी लेकर आती है, बल्कि देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर धन, समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति का अवसर भी प्रदान करती है। इस लेख में हम आपको 2024 की दिवाली पूजा के सही मुहूर्त, पूजा विधि, और ध्यान रखने योग्य बातों की विस्तृत जानकारी देंगे।


दिवाली पूजा 2024 का शुभ मुहूर्त

दिवाली की पूजा का सबसे शुभ समय लक्ष्मी पूजा मुहूर्त कहलाता है, जो आमतौर पर प्रदोष काल के दौरान आता है। यह समय संध्या के बाद शुरू होता है, जब दिन और रात का संगम होता है। 2024 में दिवाली पूजा का मुहूर्त इस प्रकार है:

  • दिवाली तिथि: 31 अक्टूबर 2024 (बृहस्पतिवार)
  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 14 मिनट
  • अमावस्या तिथि: 31 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर शाम 6 बजकर 15 मिनट

प्रदोष काल में पूजा क्यों विशेष मानी जाती है?

प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा करने का महत्व इसलिए है क्योंकि यह समय सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है, और मान्यता है कि इसी अवधि में माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। सही समय पर की गई पूजा से धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।


दिवाली पूजा की विधि

दिवाली की पूजा विधि में देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और मां सरस्वती की आराधना की जाती है। यह पूजा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करती है। आइए जानते हैं इस पूजा की पूरी विधि:

1. पूजा की तैयारी

  • साफ-सफाई: घर के हर कोने की सफाई करें। विशेषकर पूजा स्थल को अच्छे से स्वच्छ करें क्योंकि स्वच्छता को माता लक्ष्मी का स्वागत माना जाता है।
  • रंगोली: मुख्य द्वार और पूजा स्थान पर रंगोली बनाएं। यह शुभता और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।
  • दीप सजाना: घर में तेल के दीये जलाएं और मुख्य द्वार पर कम से कम दो दीपक जलाएं।

2. आवश्यक सामग्री

  • लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां
  • चावल, हल्दी, कुमकुम
  • फूल, माला, दीपक
  • धूपबत्ती और अगरबत्ती
  • मिठाई, नारियल, और फल
  • सिक्के और पैसे (धन लक्ष्मी को समर्पित)
  • नया कपड़ा और धातु का कोई शुभ आभूषण

3. पूजा की चरणबद्ध प्रक्रिया

  1. आचमन और संकल्प: पूजा शुरू करने से पहले हाथ में पानी लेकर आचमन करें और पूजा का संकल्प लें।
  2. गणेश पूजन: सबसे पहले भगवान गणेश की आराधना करें, क्योंकि किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश पूजा अनिवार्य होती है।
  3. लक्ष्मी पूजन: अब लक्ष्मी जी का आह्वान करें और उन्हें फूल, माला, और मिठाई अर्पित करें।
  4. दीप प्रज्वलन: दीयों को जलाकर देवी लक्ष्मी और गणेश जी के समक्ष रखें।
  5. धूप-दीप से आरती: धूप, दीपक और अगरबत्ती से देवी-देवताओं की आरती करें। इस दौरान “ओम जय लक्ष्मी माता” और गणेश आरती गाना बहुत शुभ माना जाता है।
  6. प्रसाद वितरण: पूजा समाप्ति के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें और घर के कोनों में दीपक रखें ताकि सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।

पूजा के समय ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातें

दिवाली पूजा का विशेष महत्व है, इसलिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ताकि पूजा सफल और फलदायी हो सके।

  1. सफाई पर विशेष ध्यान दें: माता लक्ष्मी वहां वास करती हैं, जहां स्वच्छता और शांति होती है। इसलिए घर के हर कोने को साफ रखें।
  2. नए वस्त्र धारण करें: पूजा करते समय स्वच्छ और नए वस्त्र पहनना शुभ होता है। यह सकारात्मकता को बढ़ाता है।
  3. मन में शांति और भक्ति रखें: पूजा के समय मन को शांत रखें और पूरी श्रद्धा के साथ आराधना करें। ध्यान भटकने से पूजा का फल कम हो सकता है।
  4. अशुभ विचारों से बचें: इस दिन सकारात्मक सोच बनाए रखें और क्रोध, कलह या नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
  5. दीयों का सही तरीके से प्रज्वलन: मुख्य द्वार पर दीया जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही, हर कमरे में दीपक रखना शुभ माना जाता है।
  6. धन का अपमान न करें: इस दिन किसी भी प्रकार से पैसे या संपत्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। धन को लक्ष्मी का स्वरूप मानकर उसकी पूजा करें।
  7. बुजुर्गों का आशीर्वाद लें: घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर दिन की शुरुआत करना विशेष लाभकारी होता है।

दिवाली की पूजा का आध्यात्मिक महत्व

दिवाली केवल रोशनी का पर्व नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर छिपे अंधकार और नकारात्मकता को दूर करने का अवसर भी है। लक्ष्मी पूजा के माध्यम से हम न केवल भौतिक धन की प्राप्ति की कामना करते हैं, बल्कि जीवन में शांति और संतोष के लिए भी प्रार्थना करते हैं। गणेश जी की पूजा से विघ्नों का नाश होता है और हम नए उत्साह के साथ आगे बढ़ते हैं।


निष्कर्ष

दिवाली 2024 का यह पर्व आपके जीवन में खुशियां और समृद्धि लेकर आए, इसके लिए सही विधि और मुहूर्त में पूजा करना बेहद जरूरी है। इस दिन की गई लक्ष्मी पूजा से घर-परिवार में सुख-शांति का संचार होता है और नए अवसरों का आगमन होता है। सफाई, सही पूजा विधि, और श्रद्धा-भक्ति के साथ की गई आराधना निश्चित रूप से आपके जीवन को सफल और सुखमय बनाएगी।

इस दिवाली, अपने घर और दिल को प्रकाश से भरें और पूरे विश्वास के साथ माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करें। यह पर्व न केवल हमें भौतिक संपन्नता की ओर ले जाता है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मकता और संतोष की भावना भी बढ़ाता है।

Disclaimer: वेबसाइट पर दी गई सभी जानकारी जिसमें विभिन्न सरकारी योजनाएं और बैंकिंग तथा अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा चलाई जा रही योजनाएं शामिल हैं, केवल आपकी जानकारी मात्र के लिए है और यह किसी भी प्रकार से निवेश की सलाह नहीं है। इसलिए किसी भी तरह के निवेश को करने से पहले जानकारों से सलाह करना जरूरी है।

Vipin Yadav

My name is Vipin Yadav, and I specialize in writing about business and government schemes for Virat Bharat. With five years of experience in this field, I have contributed to several prestigious newspapers. Following my journalism studies in Bhopal, I transitioned directly into news writing. I trust that the information I provide is valuable to you. Please feel free to send your feedback to the email address provided below.
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