Gold Purchase: सोने की खरीदारी के समय ध्यान रखने वाली 10 महत्वपूर्ण बातें
सोने के दाम आज के समय में ऊपर नीचे बहुत हो रहे है जिसकी वजह से लोगों को ये नहीं पता चल पा रहा की कब सोना खरीदारी करना है और कब नही करना है। लेकिन एक बाद और भी है की सोने की खरीदारी में आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान भी रखना होता है नहीं तो आज के समय में ठगने वाले लोग ताक में बैठे रहते है। ज्यादातर गावं देहात के लोग ठगी का शिकार अधिक होते है क्योंकि वे आज भी वही पुराने सुनार से आभूषणों की खरीदारी करते है जिनसे पहले से खरीदारी करते आये थे और वे सुनार किसी भी तरह का कोई BIS हॉलमार्क या फिर बिल आदि नहीं देते है।
सोना सदियों से पूरी दुनिया में धन और संपत्ति का प्रतीक माना जाता रहा है। भारतीय संस्कृति में सोने की खरीदारी को शुभ और निवेश का एक बेहतरीन तरीका समझा जाता है। लेकिन सोना खरीदते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ताकि आप सही निवेश कर सकें। देखिए सोने की खरीदारी के समय में किन किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी होता है।
सोने की शुद्धता की जाँच करें
सोना कई अलग अलग कैरेट में मिलता है जिसमें 24 कैरेट सबसे शुद्ध होता है। हालांकि, 24 कैरेट सोना आमतौर पर जेवर के लिए उपयुक्त नहीं होता क्योंकि वह काफी नरम होता है। इसलिए, ज्यादातर जेवर 22 कैरेट या 18 कैरेट सोने से बनाए जाते हैं। सोना खरीदते समय ‘BIS हॉलमार्क’ की जांच करें जो कि भारत में सोने की शुद्धता की गारंटी है।
BIS हॉलमार्क आपको सोने की गुणवत्ता के बारे में आश्वस्त करता है। इसके अलावा आप BIS हॉलमार्क से सोने की खरीदारी करने हैं तो आगे चलकर आपको कोई समस्या नहीं होगी यानि जब भी आप सोने को बेचने जायेंगे तो आपको उस समय जो भी कीमत मार्किट में होगी उसी हिसाब से सोने के दाम मिल जायेंगे।
मूल्य निर्धारण की जानकारी रखें
सोने की कीमतें रोजाना बदलती रहती हैं और यह कई कारकों पर निर्भर करती हैं जैसे कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की दर, मुद्रा विनिमय दर आदि। सोने की खरीदारी करते समय आपको ये भी ध्यान रखना होगा कि आप उस दिन की ताजा कीमत पर ही सोना खरीद रहे हैं। कुछ प्रतिष्ठान पुराने रेट पर भी सोना बेचते हैं जो कि आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता है।
सोने की ताज़ा कीमतों की जानकारी रखना ज़रूरी है और जिस दिन आप सोने की खरी कर रहे है उस दिन के रेट के हिसाब से ही सोने की खरीदारी करें। अगर कोई सुनार आपको काम दाम में सोना बेचने का लालच दे रहा है तो इसका सीधा मतलब है की उस सोने में मिलावट की गई है और वो पूरी तरह से सुद्ध नहीं है या फिर जिस कैरेट के दाम आपसे लिए जा रहे है वो उतने कैरेट का नहीं है।
मेकिंग चार्ज का ध्यान रखें
सोने के जेवर खरीदते समय मेकिंग चार्ज भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह चार्ज आपके द्वारा चुने गए डिज़ाइन और जेवर की कारीगरी पर निर्भर करता है। कुछ ज्वेलर्स मेकिंग चार्ज के रूप में तय दर लेते हैं जबकि कुछ प्रतिशत के हिसाब से चार्ज करते हैं। आपको इस बार पर भी गौर करना होगा कि मेकिंग चार्ज पहले से स्पष्ट हो और आपको अच्छे से समझ में आ रहे है। इसके अलावा यदि संभव हो तो कई अलग अलग ज्वेलर्स से भी पूछताछ करें ताकि आपको बेहतर डील मिल सके।
सोने की रिसेल वैल्यू को जानें
सोना एक अच्छा निवेश होता है क्योंकि इसे आसानी से बेचा जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि सोने की रिसेल वैल्यू में मेकिंग चार्ज और अन्य शुल्क नहीं जुड़ते। इसके अलावा कुछ ज्वेलर्स केवल उन्हीं से खरीदे गए सोने को अधिक कीमत पर वापस लेते हैं। इसलिए खरीदारी करते समय यह जानकारी अवश्य लें कि जब आप खरदारी किये गए सोने को वापस बेचेंगे तो उस समय आपको कितनी कीमत मिलेगी।
बिल अवश्य लें
सोना खरीदते समय सही बिल प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। बिल में सोने की शुद्धता, वजन, मेकिंग चार्ज, और टैक्स की सभी जानकारी स्पष्ट रूप से दर्ज होनी चाहिए। यह बिल आपको आने वाले भविष्य में किसी भी तरह के विवाद या परेशानी से बचाएगा। इसके अलावा रिसेल या किसी तरह की शिकायत के लिए भी बिल आवश्यक होता है।
ज्वेलर की विश्वसनीयता की जाँच करें
सोने की खरीदारी एक बड़ा निवेश है, इसलिए इसे किसी भरोसेमंद और प्रतिष्ठित ज्वेलर से ही खरीदें। स्थानीय ज्वेलर्स की तुलना में ब्रांडेड ज्वेलर्स से सोना खरीदना अधिक सुरक्षित होता है क्योंकि वे शुद्धता और गुणवत्ता की गारंटी देते हैं। इसके अलावा अगर आप किसी नए ज्वेलर से खरीदारी कर रहे हैं तो उसकी प्रतिष्ठा और ग्राहकों की प्रतिक्रिया जरूर देखें। ऐसा करने से आप जो भी सोना खरीदार रहे है वो पुरे कैरेट में मिलेगा और बेचने में भी आपको पूरी कीमत मिलेगी।
इंश्योरेंस का विकल्प चुनें
अगर आप बड़ी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं, तो उसे इंश्योर कराना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इससे आपके सोने की चोरी या अन्य किसी प्रकार की हानि से सुरक्षा मिलती है। ज्वेलर्स भी अक्सर इंश्योरेंस का विकल्प प्रदान करते हैं। इसलिए अगर आप काफी मूल्यवान आभूषण खरीद रहे हैं तो इस विकल्प पर विचार जरूर करें।
सोने की खरीदारी का समय चुनें
सोना खरीदने के लिए त्योहारों और विशेष अवसरों का समय सबसे अच्छा माना जाता है। खासतौर पर अक्षय तृतीया, धनतेरस, और अन्य धार्मिक अवसरों पर सोने की खरीदारी शुभ मानी जाती है। लेकिन ध्यान रखें कि इन दिनों में सोने की कीमतों में थोड़ी वृद्धि हो सकती है, क्योंकि इन अवसरों पर सोने की मांग बढ़ जाती है। यदि आप कम कीमत पर सोना खरीदना चाहते हैं, तो साल के उन समयों का इंतजार करें जब कीमतें थोड़ी कम हों।
ई-गोल्ड और गोल्ड बॉन्ड का विकल्प भी देखें
अगर आप शारीरिक रूप से सोना नहीं खरीदना चाहते हैं, तो ई-गोल्ड, गोल्ड ETF, और गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्प भी देख सकते हैं। इन माध्यमों में निवेश करना सुरक्षित होता है और आपको सोने की तिजोरी में रखने की चिंता नहीं होती। इसके अलावा, गोल्ड बॉन्ड पर आपको ब्याज भी मिलता है, जो कि सोने में निवेश करने का एक अतिरिक्त लाभ है।
वजन और डिज़ाइन का ध्यान रखें
सोने के जेवर खरीदते समय वजन और डिज़ाइन दोनों ही अहम होते हैं। कुछ डिज़ाइन्स में बहुत ज्यादा मेकिंग चार्ज लग सकता है, जिससे आपकी कुल लागत बढ़ सकती है। इसलिए, ऐसा डिज़ाइन चुनें जो न केवल देखने में आकर्षक हो बल्कि उसकी कीमत भी आपके बजट में हो।
सोने की खरीदारी एक बड़ा निवेश है और इसे सोच-समझकर करना चाहिए। शुद्धता, कीमत, और विश्वसनीयता जैसे पहलुओं का ध्यान रखकर आप सही और सुरक्षित निवेश कर सकते हैं। यह आर्टिकल आपको सोने की खरीदारी के दौरान ध्यान रखने वाली सभी आवश्यक बातों की जानकारी देता है, जिससे आपकी खरीदारी अनुभव बेहतर और सुरक्षित बन सके।
Disclaimer: वेबसाइट पर दी गई सभी जानकारी जिसमें विभिन्न सरकारी योजनाएं और बैंकिंग तथा अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा चलाई जा रही योजनाएं शामिल हैं, केवल आपकी जानकारी मात्र के लिए है और यह किसी भी प्रकार से निवेश की सलाह नहीं है। इसलिए किसी भी तरह के निवेश को करने से पहले जानकारों से सलाह करना जरूरी है।